संसद के मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार एक नया बिल लेकर आई जिसको लेकर देश में इन दिनों हंगामा देखने को मिल रहा है। जी हां प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री अगर गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिन से ज्यादा हिरासत में रहते हैं तो उन्हें पद से हटा दिए जाएया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है और छोटे दलों को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है। सत्ता पक्ष का कहना है कि इस विधेयक में प्रधानमंत्री का पद भी शामिल किया गया है तो अगर कोई कानून PM के लिए लागू हो सकता है वो मंत्री या मुख्यमंत्रियों पर क्यों नहीं लागू होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि इस नए कानून से किस-किस का गला सूख रहा है। Published by Moheka Lal