लंबे समय से कई बड़े नेता यह सपना देख रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में किसी तरह का कोई टकराव हो जाए. मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों को लेकर अलग-थलग होने का प्रचार किया गया लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और मोदी-भागवत में टकराव का सपना देखने वाले 'कोमा' में चले गए.