27 नवंबर 1985 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से वाराणसी के पंचगंगा घाट से देव दीपावली मनाने की शुरुवात हुई.. स्थानीय लोगों की मदद से दस-पंद्रह युवकों ने इसकी शुरुवात की थी. मंगला-गौरी मंदिर के महंत नारायण गुरू के नेतृत्व में पंचगंगा घाट पर बने हजारा को जलाकर इसकी शुरुवात हुई.. हजारा दीपक स्तम्भ इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने 1780 में बनवाया था. लाल पत्थरों से बने इस हजारा दीपक स्तम्भ को जलाने के साथ साथ पंच गंगा घाट सहित कई घाटों और गलियों में दिए जलाकर इसकी शुरुवात हुई.. टीवी 9 डिजिटल से बातचीत में मंगला गौरी मंदिर के महंत और देव दीपावली की शुरुवात करने वालों में से एक नारायण गुरू ने बताया कि पौराणिक मान्यता और घाटों की स्वच्छता दोनों बातों को ध्यान में रखकर ही इस देव दीपावली की शुरुवात हुई थी.