समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता.. और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान.. 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा होकर मंगलवार को रामपुर पहुंचे.. उनकी रिहाई की खुशी में सपा कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांटे.. लेकिन बड़े सपा नेताओं की अनुपस्थिति ने.. सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया.. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम की रिहाई पर कोर्ट का आभार जताया..हालांकि, अखिलेश यादव के इस बयान पर आजम की चुप्पी.. और मुस्कुराहट ने कई सवाल खड़े कर दिए.. आजम खां के जेल से बाहर आने पर मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा.. और कुछ स्थानीय नेता ही उनके स्वागत के लिए पहुंचे.. जबकि 2022 में उनकी रिहाई के दौरान.. पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव जेल के बाहर मौजूद थे.. लेकिन इस बार किसी बड़े सपा नेता का न आना चर्चा का विषय बन गया.. आजम ने अपने चिरपरिचित अंदाज में तंज कसते हुए कहा.. बड़ा नेता होता तो कोई बड़ा नेता मिलने जरूर आता.. उनकी इस टिप्पणी ने सपा संगठन के भीतर तनाव की अटकलों को हवा दी.. और सपा संगठन में सहजता की कमी के संकेत दिए।