भगोड़ा अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। पंजाब की मोगा पुलिस ने 23 अप्रैल की सुबह पौने सात बजे उसे रोडे गांव के गुरुद्वारे से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर 36 दिनों तक पंजाब पुलिस और तमाम केंद्रीय एजेंसियों को चकमा देते हुए अमृतपाल कैसे छिपता रहा, इस दौरान उसकी मदद किसने की ?