Lok Sabha Elections: Electoral Bonds रद्द होने के बाद राजनीतिक दल कैसे ले रहे चंदा?

हम सभी को मालूम है कि, 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को 'असंवैधानिक' करार देते हुए रद्द कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि, चुनावी चंदे के लिए पार्टियां अब इन बॉन्ड्स का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी. इसके बाद सवाल उठा कि, इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं तो क्या? अब कैसे मिलेगा राजनीतिक दलों को चंदा? तो आपको बता दें, जब चुनावी बॉन्ड नहीं होते थे, तब पार्टियों के पास चंदा लेने के और भी तमाम जरिए थे. जैसे- बैंक चेक, डोनेशन, क्राउड फंडिंग और मेंबरशिप से आने वाली रकम आदि. दो दशक पहले, पार्टियों के पास एक रसीद बुक हुआ करती थी. जिसे लेकर पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाते थे और लोगों से चंदा मांगते थे. हालांकि बाद में बैंक चेक, ड्राफ्ट, RTGS-NEFT के माध्यम से पार्टियों को चंदा दिया जाने लगा. इसके अलावा कॉर्पोरेट डोनेशन इन पॉलिटिकल पॉर्टीज की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है. इसमें बड़े बिजनेसमैन और कंपनियां राजनीतिक दलों को सैकड़ों करोड़ तक डोनेट करते हैं.