खुद को इस मकबरे का मुतवली बताने वाले मोहम्मद नफीस के मुताबिक मकबरे का निर्माण करीब 500 साल पहले मुगल शासक अकबर के प्रपौत्र ने कराया. दावा किया कि इसमें फतेहपुर के नवाब अबू मोहम्मद और अबू समद की मजारें हैं. मोहम्मद नफीस के मुताबिक इस मकबरे का परिसर करीब 12 बीघे जमीन पर पसरा है और इस जमीन पर भूमाफिया की नजर है. इसलिए बिना वजह के बवाल खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. हिंदू पक्ष का दावा है कि वास्तव में यह ठाकुर जी का मंदिर है और इसपर जबरन कब्जाकर इमारत की बनावट में छेड़छाड़ की गई है. कहा कि मकबरे में आज भी शिवलिंग मौजूद है और हालतक यहां बरामदे में नंदी विराजमान थे. यही नहीं, अपने दावे में हिंदू पक्ष ने मकबरे की दीवारों और गुंबद पर कमल का फूल, त्रिशूल आदि आकृतियां होने का भी दावा किया है. कहा कि इस मंदिर पर कब्जा करने के बाद मुस्लिम पक्ष के लोगों ने दीवारों पर कुरान की आयतें लिखवा दी हैं. इसी क्रम में फतेहपुर के रहने वाले एक सख्श ने दावा किया कि साल 2007 की दिवाली के दिन उसने इस स्थान पर पूजा भी किया था.